गुरुवार, फ़रवरी 04, 2010

कानून से ऊपर हैं यह लोग


फिल्म स्टार शाहरुख़ खान के एक बयां पर बाल ठाकरे और उनके लोग जो हंगामा कर रहे हैं उसे किसी प्रकार से उचित नहीं कहा जा सकता। चूँकि बाल ठाकरे रहज ठाकरे या फिर उद्धव ठाकरे जैसे लोगों के विरुद्ध कोई करवाई नहीं होती इस लिए वोह आये दिन देश के दुसरे लोगों पर अपनी मर्ज़ी थोपते रहते है । पाकिस्तानी खिलाडिओं के बारे मैं शाहरुख़ ने जो कुछ भी कहा है वही सोच अधिकतर लोगोंम की है । जब पाकिस्तानी खिलाडी आई पी एल के लिए नहीं चुने गए तो भारत के लगभग सभी खेल पत्रकारों को इस पर आश्चर्ज हुआ था और सबने यही लिखा था कि पाकिस्तानी खिलाडिओं को ज़रूर लेना चाहिए था। कई समाचार पत्रों ने तो इस पर सम्पदाकिये भी लिखा था। हर सच्चा इंसान यही कहेगा कि यदि कोई देश ग़लती कर रहा है या फिर उस देश के कुछ लोग भारत के विरूद्ध हैं तो फिर उसकी सजा उस खिलाडी को क्यों मिले जिसकी कोई ग़लती नहीं है।
सच्चाई यह है कि बालासाहब ठाकरे और राज ठाकरे जैसे लोगों को बदमाशी करनी होती है और वोह उसके लिए आये दिन कोई न कोई बहना तलाशते रहते हैं। उन्हें अमिताभ बच्चन जैसे लोगों से भी ताक़त मिलती है जो इतने बड़े स्टार होने के बावजूद ठाकरे के घर जा कर उन्हें फिल्म दिखाते हैं। जो लोग आये दिन मार पीट कि राजनीती करते हैं । मुंबई से बहार के लोगों के साथ बुरा बर्ताव करते हैं उनसे अमिताभ का ऐसा प्रेम दर्शाता है कि वोह डर गए हैं और इसी वजह से शाहरुख़ जैसे बड़े स्टार का साथ देने के बजाये ठाकरे का साथ दे रहे हैं। ठाकरे जैसे लोगों को इतनी छूट देना उचित नहीं हैं। यह लोग धीरे धीरे देश के लिए दर्दे सर बनते जा रहे हैं। यदि उनके खिलाफ करवाई नहीं हुई तो आने वाले दिन में इनकी जो हरकत होगी उसे रोक पाना मुश्किल हो जायेगा।