शनिवार, सितंबर 19, 2009

कांग्रेस और नेशनल लोकतान्त्रिक गठबंधन को झटका

दिल्ली की दो और बिहार की १८ सीटों के जो नतीजे आए हैं उस से एक तरफ़ जहाँ लालू प्रसाद यादव और उनके मजुदा दोस्त राम विलास पासवान को काफी लाभ हुआ है वहीँ दिल्ली में कांग्रेस और बिहार में नेशनल लोकतान्त्रिक गठबंधन को काफी नुकसान हुआ है। मध्यावधि चूनाव के नतीजे ने यह साबित कर दिया है की दिल्ली में शिला दीक्षित और बिहार में नीतिश कुमार लाख यह दावा करें की उनकी हुकूमत से जनता बहुत खुश है मगर सच्चाई क्या है इसका अंदाजा इस नतीजे से लग गया है । दिल्ली में शिला की सरकार को अभी ज्यादह दिन नहीं हुए हैं और उसे दो सीट का नुकसान हो गया इसका मतलब तो यही निकलता है की जनता को फिलहाल कांग्रेस की हुकूमत पर भरोसा नही है। दिल्ली में ओखला विधान सभा की सीट पर यहाँ के मशहूर लीडर आसिफ मोहम्मद खान की जीत बहुत खास है। पिछले चूनाव में लगभग ५०० वोट से हरने वाले आसिफ ने इस बार ५००० वोट से जीत दर्ज की । आसिफ की जीत इस कारन से भी खास है की उन्हें हराने के लिए ओखला में मौजूद मुसलमानों के कई बड़े संगठन ने उन्हें हराने के लिए चूनाव के दिन जनता से अपील की थी। शर्म की बात तो यह है की उनमें से कई अब आसिफ को उनकी जीत पर बधाई दे रहें हैं।
आसिफ उन नेताओं में से हैं जो जनता की भलाई को सब से ऊपर रखते हैं । यही कारन है की उनकी जीत पर सबसे ज्यादह खुशी ग़रीबों ने मनाई । आसिफ का एक बड़ा काम यह भी कहा जा सकता है की जीत के तुंरत बाद सबसे पहले वोह आतिफ और साजिद की कब्र पर गए जिन दोनों को उस जामिया नगर एनकाउंटर में मर गिराया गया था जिस की सच्चाई पर अब तक शक किया जा रहा है। हो सकता है की यह एनकाउंटर सही हो मगर सिर्फ़ मुस्लमान ही नही बल्कि अख़बार और दूसरे मीडिया वाले भी इस पर शक की निगाह से देख रहे हैं।
बिहार के नतीजे नीतिश कुमार को झटका देने वाले है। अलबत्ता इस नतीजे ने लालू और पासवान को ज़रूर खुश कर दिया है । खास तौर पर लालू की खुशी इस लिए जायज़ है क्यूंकि कुछ लोगो ने अब सियासत में लालू को बिल्कुल समाप्त समझ लिया था। खैर नीतिश और शिला को यह समझना होगा की यह झटका अभी छोटा है जो बाद में बढ़ भी सकता है।

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