बुधवार, मार्च 18, 2009

seedha rasta: नफरत के सौदागर

seedha rasta: नफरत के सौदागर

नफरत के सौदागर

वरुण गाँधी ने मुसलमानों से सम्बंधित जो भी बयां दिया है उस पर हिंदुस्तान में हंगामा मचा हुआ है मगर ईमानदारी की बात येह है की इस पर हंगामा मचने की कोई ज़रूरत नहीं है। वरुण और उस तरह के हजारों लोग भारत में ऐसे है जो मुसलमानों से नफरत करते है। वैसे भी भारतीय जनता पार्टी मुसलमानों से नफरत की बुन्याद पर ही तो सियासत करती है। आज वरुण से पार्टी पल्ला झाड़ रही है मगर इस पार्टी में अधिक तर लोग ऐसे है जिन्हें मुस्लमान से नफरत है और वोह देश को हिंदू और मुस्लमान में बाँट कर की सियासत करना चाहते है। इस के अलावा उनके पास और कोई मुद्दा ही नही है। अफ़सोस की बात यह है की वरुण जैसा नौजवान मुसलमानों के बारे मैं ऐसा ख्याल रखता है ज़रा जैसे जैसे उसकी उम्र बढेगी वोह कितना खतरनाक हो जाएगा। क्या ऐसे लोग भातर की तरक्की के दुश्मन नहीं हैं। कभी कभी होता है की जोश में कुछ बोल गए और बाद में अहसाह होने पर ग़लती मान ली मगर वरुण तो बेशर्मी से कह रहें हैं की मैंने कोई ग़लती की ही नही।
वरुण को यह समझ में क्यों नही आता की देश के विकास के लिए हिंदू मुस्लमान और दूसरे सभी धर्म के लोगों में एकता ज़रूरी है। देश को बाँट कर कुछ दिनों तक को सियासत की जा सकती है मगर ऐसा हमेशा नही चलेगा। अब गेंद चूनाव आयोग के पाले में है उसे चाहिए की वरुण के विरुद्ध करे और भाजपा यदि सही है तो वरुण को पार्टी से निकल दे.

नफरत के सौदागर

वरुण गाँधी ने

नफरत के सौदागर

नफरत के saudagar

नफरत के सौदागर