रविवार, मई 30, 2010

सुपर ३० का धमाका


आनंद कुमार की निगरानी में सुपर ३० ने लगातार तीसरे साल कमाल किया है। इस बार भी उसके सभी ३० लड़के आई आई टी के लिए सेलेक्ट हुए । इस शानदार आनंद कुमार और उनकी टीम को जितनी भी मुबारकबाद दी जाये कम है। कमाल कि बात यह है कि यह सभी लड़के ग़रीब घरों के होते है। इनसे कोई फीस भी नहीं ली जाती। आनंद कुमार का सुपर ३० उन सभी कोचिंग संस्थाओं के लिए मिसाल है जो कोचिंग के नाम पर बच्चों को लूटते हैं और समाचार पत्रों में बड़े बड़े विज्ञापन दे कर उन्हें ठगते हैं। आनंद कुमार का तो यह भी कमाल है कि वोह किसी से पैसा नहीं लेते। ऐसे लोग अगर देश में दस बीस हो जायें तो पूरे देश का भला हो जाये। ऐसी कामयाबी के लिए सब से ज़रूरी है इमानदारी जो कि आनंद कुमार में कूट कूट कर भरी हुई है। उनका नाम तो अब विदेशों में भी हो रहा है। ऐसे में उन पर पैसों कि बरसात हो सकती है मगर इस के बावजूद वोह किसी से पैसा लेना नहीं चाहते और ग़रीब बच्चों की मदद में लगे रहना चाहते हैं। आनंद और उनकी टीम को एक बार फिर बहुत बहुत मुबारकबाद। आशा है वोह यह कारनामा आगे भी अंजाम देते रहेंगे।

बुधवार, मई 19, 2010

बिगड़े नवावों पर करवाई ज़रूरी

एक तरफ तो भारतीय क्रिकेट टीम को इंडीज़ में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा वहीँ दूसरी भारत के कुछ खिलाडी नाच गाने में लगे रहे। सच्चाई यह है कि कुछ खिलाडिओं ने खुद को देश से ऊपर समझना शुरू कर दिया है। वोह यह भूल जाते हैं कि वोह देश के लिए खेल कर कोई अहसान नहीं कर रहे है बल्कि देश उन्हें खेलने का अवसर देकर उन पर अहसान कर रहा है। हालाँकि बी सी सी आई ने छः बिगड़े खिलाडिओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है मगर ज़रूरी है कि इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कि जाए। इन्हें इसका अहसास करना ज़रूरी है कि तुम्हारे अलावः भी देश में बहुत से ऐसे खिलाडी हैं जो अवसर मिलने पर देश के लिए बेहतर खेल पेश कर सकते हैं। जिन बड़े खिलाडिओं का खेल सही नहीं था उसे सब से पहले तो टीम से बहार किया जाये और जो पब में झगडा में शामिल थे उनपर कार्रवाई भी कि जाए.