भारत की सब से बड़ी खूबी यह है की यह एकता में अनेकता वाला देश है। बच्चों को किताबों में यही पढाया जाता है की भारत देश की सब से बड़ी खूबी यह है की यहाँ कई धर्मों के लोग एक साथ मिल कर रहते है मगर क्या इमरान हाश्मी के ताज़ा मामले से ऐसा लगता है की यहाँ सभी धर्मों के लोग आपस में मिल कर रहते है। यह सच है की यहाँ ज़्यादा तर लोग ऐसे हैं जो हिंदू मुस्लिम होते हुए भी आपस में खूब मिलकर रहते हैं मगर इस से इंकार नहीं क्या जा सकता की बहुत ऐसे लोग भी हैं जो आपस में मिलकर नहीं रहना चाहते। इमरान हाश्मी के मामले में यह बात सच साबित होती है। ज़रा सोचिये इमरान हाश्मी जैसे हीरो जो की महेश भट्ट के भांजे हैं को मुंबई में सिर्फ़ इसलिए घर नहीं मिल रहा है की वोह मुस्लमान हैं तो फिर छोटे मोटे मुसलमानों को कौन पूछेगा। इमरान हाश्मी से पहले जावेद अख्तर और शबाना आज़मी जैसे स्टारों को भी यही मुश्किल पेश आ चुकी है।
जावेद अख्तर का मामला तो यह है उनके बिना फ़िल्म इंडस्ट्री के बारे में सोचा भी नही जा सकता। यही हाल शबाना आज़मी का भी है। एक और खास बात यह है की जो मुस्लमान पक्के है (पक्के से मतलब जो पाबन्दी से नमाज़ और रोजा रखने वाले हैं ) वोह फ़िल्म स्टारों को पक्का मुस्लमान नही समझते। अब गौर करने वाली बात ये है की जब इन नाव्हने गाने वालों को घर नही मिल रहा है तो बड़ी बड़ी दाढ़ी रखने वाले मुसलमानों को घर मिल सकेगा। सरकार को इस सिलसिले में संजीदगी से गौर कर के उन लोगों के विरूद्व करवाई करनी चाहिए। एक दूसरे से नफरत करने वाले इन लोगों को यह बात क्यों नही समझ में नही आती की वोह ऐसी सोच रख कर देश के विकास में रोकावत बन रहे हैं। देश के पूर्ण विकास के लिए सभी धर्मों के लोगों का मिल कर रहना ज़रूरी है।