शुक्रवार, फ़रवरी 17, 2012

ईरान में विश्व भर के पत्रकारों का सम्मेलन आयोजित




मीडिया आतंकवाद पर क़ाबू पाने के लिए पत्रकार संगठन बनाने पर ज़ोर
पूरी दुनिया में आज आतंकवाद सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है। विश्व के अधिकांश देश इसकी चपेट में हैं, लेकिन सिर्फ संसार में यही आतंकवाद एक ऐसी समस्या नहीं है जिसकी ओर पूरी दुनिया के मीडिया का ध्यान है बल्कि खुद मीडिया भी इन दिनों आतंकवाद फैला रहा है और इसी वजह से दुनिया में एक नया टर्म मीडिया आतंकवाद के नाम से अस्तित्व में आया है। मीडिया के इसी आतंकवाद का उचित जवाब देने के लिए पिछले दिनों ईरान की राजधानी तेहरान में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में जहां दुनिया भर के पत्रकारों विशेषकर मुस्लिम देशों के पत्रकारों की एक संगठन बनाने की कोशिश हुई वहीं इस बात पर भी जोर दिया गया कि मुसलमानों की एक समाचार एजेंसी भी होनी चाहिए। तेहरान में दुनिया भर से पत्रकारों से विशेष मुलाकात के दौरान ईरान के राष्ट्रपति अहमदी नेजाद ने कहा कि मीडिया अब सारी दुनिया में एक अहम रोल निभा रहा है इसलिए आप सब की यह ज़िम्मेदारी है कि आप दुनिया में अमन फैलाने के लिए काम करें। उन्हों ने कहा कि दुनिया भर के मुस्लिम देशों और जिन्हें सच्चाई से प्यार है, को चाहिए कि वो एक खबरों की ऐसी एजेंसी बनाएं जिस से हम पूरी दुनिया में मुसलामानों की सही तस्वीर पेश कर सकें। उन्हों ने कहा कि आज कुछ ताकतें ऐसी हैं जो इस्लाम और मुसलामानों की ग़लत तस्वीर पेश कर रही है। हमें उनका तोड़ निकलना होगा।
अहमदी नेजाद ने कहा कि खबर एजेंसी बनाने की कोशिश अच्छी है और इस से बड़ा फायदा होगा। पत्रकारों से मुलाक़ात के दौरान अमेरिका का ज़िक्र करते हुए उन्हों ने कहा कि अमेरिका आज दुनिया में डबल गेम खेल रहा है। उन्हों ने पत्रकारों से कहा कि आप सिर्फ अपने मुल्क की फ़िक्र न करें बल्कि हर उस मुल्क की फ़िक्र करें जहाँ ज़ुल्म हो रहा है। यह पत्रकारों कि ज़िम्मेदारी है कि वो ज़ुल्म को रोकने की कोशिश करे।
इस सेमिनार में दुनिया के 38 देशों के पत्रकारों ने भाग लिया जिसमें खुशकिस्मती से मैं भी शामिल था । इस अवसर मैं ने ईरानी सरकार में विदेशी मीडिया विभाग के महानिदेशक डॉक्टर मोहम्मद जवाद आगाजरी से तेहरान के लालेह इंटेरनेशनल होटल में बातचीत की। इस बातचीत के मुख्य अंश.
प्रश्न: इस सेमिनार का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता कि आज पूरी दुनिया में मीडिया की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। सारी दुनिया के लोग जो कुछ समझते और जानते हैं वह सब मीडिया की वजह से ही है। आपको अगर दुनिया में कोई संदेश देना है तो मीडिया का सहारा लेना होगा। किसी को आवाम को कोई संदेश देना है तो वो भी मीडिया का ही सहारा लेगा। सारी दुनिया के लोग मीडिया में खबर देख कर ही अपनी राय बनाते हैं। अफसोस की बात यह है कि मीडिया आज अपनी इस हैसियत का दुरुपयोग कर रहा है। इस तथ्य से किसी को इनकार नहीं हो सकता कि पूरी दुनिया के मुसलमानों के खिलाफ बड़े पैमाने पर इन दिनों साजिश हो रही है और इस साज़िश में मीडिया एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। क्योंकि दुनिया के बड़े अखबारों चैनलों, पत्रिकाओं और समाचार एजेंसियां के मालिक यहूदी हैं इसलिए सारी दुनिया के पास गलत समाचार ही पहुंचती हैं और लोग उसी पर विश्वास करते हैं। जो पढे लिखे लोग हैं वह तो सच्चाई समझते हैं मगर आम लोग मीडिया की बात पर ही भरोसा करते हैं। ऐसे में हमने सोचा कि क्यों न दुनिया भर के पत्रकारों को जमा करके उनसे इस सिलसिले में सलाह ली जाये और एक संगठन और एक समाचार एजेंसी की स्थापना की जाए जिसकी मदद से दुनिया भर के सामने मुसलमानों को सही तस्वीर प्रस्तुत की जा सके। इस से लोगों को यह पता चल सकर्गा की यहूदी मीडिया जो कह रहा है वह सही नहीं है बल्कि सच्चाई कुछ और ही है।
प्रश्न: पत्रकारों के इस प्रस्तावित संगठन के सदस्य कौन लोग हो सकते हैं?
उत्तर: पत्रकारों की इस संगठन का सदस्य कोई भी हो सकता है। इसके लिए यह जरूरी नहीं है कि पत्रकार मुसलमान ही हो और मुस्लिम देशों का ही हो। हर वह व्यक्ति जिसे ईमानदार पत्रकारिता में रुचि है, वह इस संगठन का सदस्य बन सकता है । हमें मतलब नहीं कि वह किस देश का है और उसका धर्म क्या है। हमें सिर्फ इस बात से मतलब है की वह पत्रकार ईमानदारी है और इस पेशे की ज़िम्मेदारी ईमानदारी के साथ निभा रहा है। अलबत्ता हम हर किसी को सदस्य बनाने से पहले उसके बारे में पूरी जांच करेंगे। उदाहरण के तौर पर इस सेमीनार में जितने पत्रकार शामिल हैं यह जरूरी नहीं कि सब इस संगठन के सदस्य बन जाएं। उन्हें सदस्य बनाने का हमारा एक खास तरीका होगा। पहले उनसे फार्म पूरे कराए जाएंगे फिर हम अपने तौर पर उनके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे। जब हमें हमें विश्वास हो जाएगा यह पत्रकार ईमानदार है और वास्तव में यह हमारे साथ ईमानदारी से काम करने के लिए जुड़ना चाहता है तो हम उसे सदस्य बनाएंगे। संगठन में कई कमिटी होगी जो जिस कमिटी में शामिल होना चाहेगा इसी कमिटी की सदस्यता दी जाएगी। हर सदस्य की हैसियत भी अलग अलग होगी।
क्या यह ज़रूरी है हर बार इन पत्रकारों का सेमिनार ईरान में ही हो?
जवाब: नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है। इसी कार्यक्रम के दौरान आपने देखा कि दो साहब ने अगली बार इस कार्यक्रम को मलेशिया या सिंगापुर में करने की इच्छा जताई। हमें दुनिया के किसी भी देश में ऐसे सेमिनार के आयोजन में परेशानी नहीं है मगर यह देखना ज़रूरी है कि वहां की सरकार से आपने इसके लिए अनुमति ली है या नहीं। अगर ऐसे सेमिनार के आयोजन में सरकार को कोई आपत्ति नहीं है तो आने वाले सालों में उसे ईरान के अलावा अन्य देशों में भी आयोजित किया जा सकता है।
प्रश्न: वर्तमान दौर में मीडिया आतंकवाद ने एक भय पैदा किया हुआ है उससे मुकाबला कैसे संभव है?
उत्तर: वर्तमान मेंमीडया आतंकवाद पर काबू पाना सबसे महत्वपूर्ण है। इस प्रस्तावित संगठन की फ़िलासफ़ी भी यही है। दुनिया में आज सबसे अधिक नुकसान मीडिया आतंकवाद से ही हो रहा है। किसी भी ख़बर की सच्चाई कुछ और होती है जबकि दुनिया कुछ और पता चलता है। हमारी यह कोशिश है और हम चाहते हैं कि दुनिया के किसी देश में इस संगठन के सदस्य अगर कुछ गलत होता देखें तो उसकी रिपोर्टिंग करे। वह इस खबर को दूसरे सदस्यों को भी बताएं ताकि अधिक से अधिक लोग सच्चाई को जान सके। हर किसी को पता है दुनिया की अधिकांश मीडिया पर चाहे प्रिंट हो या इलेक्ट्रॉनिक यहूदियों ने क़ब्ज़ा किया हुआ है। वह जिस ख़बर को जिस तरह से चाहते हैं पेश करते है। ईरान के मामले को ही देख लें। ईरान से संबंधित दनिया को कुछ और बताया जाता है जबकि सच्चाई कुछ और है। चूंकि दुनिया भर में यहूदी मीडिया या यह कह लें की इस्लाम विरोधी मीडिया ही छाया हुआ है इसलिए दुनिया को यह लगता है की ईरान बुरा देश है जबकि यहाँ आकार आप सब ने खुद ही देखा की ईरान कैसा है और हम कैसे हैं। पूरी दुनिया की मीडिया बड़ी चालाकी से ईरान को और दूसरे मुस्लिम देशों को बदनाम करने में लगी हुई है।
प्रश्न: कया आपको लगता है की प्रस्तावित समाचार एजेंसी राइटर , एपी और ए एफ पी जैसी बड़ी समाचार एजेंसियों से मुकाबला कर सकेंगी?
उत्तर: यदि इस संबंध में ईमानदारी से काम हो और हर सदस्य अपनी जिम्मेदारी को समझे तो हम दुनिया की बड़ी समाचार एजेंसियों से ज़रूर मुकाबला कर सकते हैं। यह सही है की यह जानते हुए भी कि यह एजेंसियां कभी कभी गलत समाचार भी देती हैं आज दुनिया भर में लोग बड़ी एजेंसियों पर भरोसा करते हैं और हमारे लिए आसानी से खुद को भरोसा योग्य बनाना आसान नहीं है मगर इस संबंध में मेहनत करके इस अजेंसी को ऐसा बनाया जा सकता है की लोग इसपर भरोसा करें। हमारी कोशिश होगी कि एक ऐसी एजेंसी के गठन हो जिसकी गिनती उसकी विश्वसनीएता के कारण दनिया की बड़ी समाचार एजेंसियों में होने लगे। हमें उम्मीद है की एक दिन ऐसा ही होगा।