गुरुवार, नवंबर 27, 2008

मुंबई पर हमला देश पर हमला

आतंकवादिओं के जरिया मुंबई के विभिन्न इलाकों में किया गया हमला सिर्फ़ मुंबई पर हमला नहीं है बल्कि यह हमला पूरे देश पर है। इस घिर्नित काम के पीछे जिसका भी हाथ हो हमारी सरकार भी कम जिम्मेदार नही है। आख़िर हम इतने लाचार क्यूँ हैं की कोई कोई भी जब चाहे जहाँ चाहे हम पर हमला कर देता है। यह भी बड़े अफ़सोस की बात है की लग भाग २० घंटों के बाद भी होटल में छिपे आतंकवादिओं पर काबू नही पाया जा सका। यह मान लिया जाए की आतंकवादी लग भाग २० थे। मगर क्या यह संख्या इतनी है की भारत जैसे देश के लिए इन पर काबू पाने में घंटों लग जाए। मुंबई हमारे देश का दिल है । इस शहर पर पहले भी आतंकवादी घटनाएँ हुई हैं मगर इस बार तो ऐसा लग रहा था की कुछ लोग ओनी ऊँगली पर पूरे शहर को नचा रहें हैं। कुछ देर तक तो खैर पता ही नही चला की आख़िर यह हो क्या रहा है मगर जब पता भी चला तो हम कुछ खास नही कर सके। अल्लाह करे की हमारी पुलिस और दूसरी एजेंसी इन पर जल्द काबू पा ले । अगर ऐसा नही हुआ तो फिर हमें कोई बड़ी तबाही से बचा नही सकता। अब होम मिनिस्ट्री को चाहिए की ऐसी हरकतों पर भविष्य में रोक लगाने के लिए सख्त करवाई करे। आतंकवादी किसी भी धर्म के हों उनकी इस हरकत को उचित नही ठहराया जा सकता। कोई भी धर्म इस बात की इजाज़त नही देता की मासूमों की जान ली जाए। यदि यह किसी विदेशी एजेन्सी का हाथ है तो उनके खिलाफ भी कड़े क़दम उठाने की ज़रूरत है।

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