आज वैलेंटाइन डे है। हर कोई अपने अपने तौर पर इसे मन रहा है। जिसकी जितनी औकात है वोह इस मौके पर अपने अपने वैलेंटाइन को खुश करने के लिए खर्च कर रहा है। मगर एक अहम् सवाल यह है की क्या वैलेंटाइन डे मानना ज़रूरी है और दूसरा अहम् सवाल यह है की क्या अगर कोई वैलेंटाइन डे मना रहा है तो क्या हमें यह ठेका मिला हुआ है की हम उन्हें परेशां करें। मेरे हिसाब से वैलेंटाइन डे मनाना और नहीं मानना हर किसी का अपना अपना अधिकार है किसी दूसरे को यह बताने की ज़रूरत नही है की वैलेंटाइन डे सही है या ग़लत। पर इतना ज़रूर है की जो लड़के लड़कियां वैलेंटाइन डे पर किसी खास पारकर की मस्ती करना चाहते हैं उन्हें यह ख्याल रखना चाहिए की अभी हमारा देश इतना नहीं खुला है की हम सड़कों पर ही प्यार करने लगें। इसलिए अपने प्यार का इज़हार बंद कमरों में ही करें तो बेहतर है।
जो लोग वैलेंटाइन जैसी चीज़ों का विरोध करते हैं वोह इस लिए कुछ हद तक सही है की आज कल प्रेमी युगल पार्कों या सड़कों पर वोह सब कुछ करते नज़र आते हैं जो उन्हें बंद कमरों में करना चाहिए। आज राजधानी दिल्ली समेत आप दूसरे शहरों के किसी पार्क में चले जायें वहां प्रेमी युगल आईसी ऐसी हरकतें करते हैं की आप शर्म से अपनी ऑंखें बंद कर लेंगे। दुन्या के दूसरे कई देशों की तरह हमारे मुल्क में भी अब तरह तरह की बुरायिओं ने जन्म ले लिया है । बढ़ता गे कल्चर , लेस्बियन की बढती संख्या , सड़कों पर ग्राहकों को तलशती कॉल गर्ल यह सब उसी का नतीजा है । मगर इसका मतलब यह नही है की इन चीज़ों से ऑंखें मूँद ली जायें। ऐसी बुराइयों पर कंट्रोल ज़रूरी है। अगर इस प्रकार की हरकत में शामिल लोगों को ऐसे ही छूट दिया जाता रहा देश में समाज का ताना बना बिखर जाएगा। आप ऐश करें हमें इस से मतलब नही है मगर इस बात का ख्याल रखें की आप की हरकतों से कोई दूसरा परेशां नही हो और समाज ख़राब होने से बचे।
इसमें कोई शक नहीं की हिंदुस्तान में अब वोह सब कुछ होता है जो दूसरी वेस्टर्न देशों में होता है मगर इसे अप्पने यहाँ आम नहीं होने दिया जा सकता। जो जैसी भी बुरी हरकतों में लिप्त है वोह इसे अपने तक ही सिमित रखे इसे देश मैं आम करने की ज़रूरत नहीं है। इस बात का ख्याल रखें की आप को देख कर दूसरा भी ख़राब हो सकता है।
3 टिप्पणियां:
प्यार कोई चर्चा का विषय नही है ....इसे महसूस किया जाता है ...रूह में उतारा जाता है.....हेपी वैलेंटाइन
मेरी भी एक सलाह है। वेलेन्टाइन दिवस रोज-रोज मने लेकिन दो बातों का कह्याल रखा जाय-
*भारत देश की आबादबढ़ाने में मदद न करें।
*एड्स के प्रसार में सहयोगी न बनें।
मेरी भी एक सलाह है। वेलेन्टाइन दिवस रोज-रोज मने लेकिन दो बातों का खयाल रखा जाय-
* भारत देश की आबादी बढ़ाने में मदद न करें।
* एड्स के प्रसार में सहयोगी न बनें।
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