मंगलवार, फ़रवरी 24, 2009

रहमान की जय हो

संगीतकार रहमान ने एक साथ दो दो ऑस्कर जीत कर पूरे देश का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया है। हालाँकि बहुत से लोगों का यह कहना है की यह फ़िल्म हिंदुस्तान की है ही नही इसलिए हमें इस पर ज्यादह खुश होने की ज़रूरत नही है। अगर यह फिल हमारे देश की नही है और इसे एक विदेशी दिरेक्टोर ने बनाया है तो भी हमें इस लिए खुश होना चाहिए की इसके ज्यादह तर कलाकार भारतीय है। कुछ लोगों को इस पर भाई आपत्ति है की हमारी ग़रीबी का मजाक उड़ायागया है। जबकि ऐसा नही है भाई अगर हमारे यहाँ ग़रीबी है तो फिर इसे दिखने में क्या हर्ज़ है हमें अफ़सोस तो इस बात का होना चाहिए की अपने देश के विषय पर ही इतनी अच्छी फ़िल्म हमारे यहाँ का कोई दिरेक्टोर नहीं बना सका।
वैसे भी यदि लोगों को फ़िल्म की सफलता पर खुशी मानाने में एतेराज़ है तो कम से कम इस बात पर तो खुशी मनाई ही जा सकती है की हमारे तीन कलाकार रहमान, रसूल और गुलज़ार ने कमल किया और ऑस्कर हासिल किया। रहमान जैसे संगीतकार की तो जितनी भी तारीफ की जाए कम है। जब से यह शक्श फिल्मी दुन्या में आया है इसने म्यूजिक का नक्शा ही बदल दिया है। ऑस्कर मिलने के बाद यह मौक़ा ऐसा है की हम सब मिलकर खुशयां मनाएं अगर इस मामले पर फालतू की बात करता है तो ऐसे लोगों को पघल ही समझा जाए गा। आप फिल से कोई मतलब न रखें मगर इस पर तो खुश हों की आपके तीन तीन कलाकारों को ऑस्कर जैसा अवार्ड मिला है। हम तो यही कहेंगे की रहमान की भी जय हो और भारत की भाई जय हो.

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

आप अपनी चड्डी के नीचे नंगे हैं, और नंगापर आपकी सच्चाई है तो इसे छिपाते क्यों हैं?
उतार दीजिये