अंततः आज़म खान को समाजवादी पेर्टी से निकल दिया गया। इसकी खास वजह जो भी हो मगर यह तो पहले ही तय हो छुका था की खान साहब को देर सवेर पार्टी से निकला ही जाएगा। खान साहब ने कल्याण सिंह ख विरोध किया था यह तो अच्छी बात थी। कोई भी मुस्लमान उस व्यक्ति को कई स्वीकार करेगा जो बाबरी मस्जिद की शहादत का जिम्मेदार है। मगर खान साहब की यह ग़लती थी की उन्हों ने पार्टी की रामपुर से उम्मीदवार जाया प्रदाह को हराने की हर मुमकिन कोशिश की। हालाँकि वोह इसमे कामयाब नही हुए मगर पूरे ऊत्तर प्रदेश में उन्हों ने पार्टी को नुकसान ज़रूर पहुँचाया। अब खास सवाल यह है की अब जबकि आज़म खान को पार्टी से निकल दिया गया है तो अब उनका अगला रुख क्या होगा और दूरे यह की क्या मुस्लमान मुलायम जी की इस हरकत को उचित मानेंगे।
आज़म खान ने पार्टी में रहते हुए पार्टी के खिलाफ काम मय यह मुनासिब नहीं है मगर मुलायम ने भी उन्हें पार्टी से निकल कर अच्छा नही क्या है। इस से मुसलमानों में ग़लत संदेश जाएगा। उत्तर प्रदेश में मुस्लमान समाजवादी को अपना समझते है । कल्याण से हाथ मिलकर मुलायम लोक सभा में नुकसान उठा चुके है अब उन्हों ने आज़म खान को परत्यय से निकल दिया है हो सकता है उन्हें इसका भी नुकसान उठाना पड़े। क्योंकि मुसलमानों को लगता है आज़म खान को पार्टी से निकल कर मुलायम जी ने मुसलमानों की बेईज्ज़ती की है। मुलायम को इसका एक अच्छा हल निकलना चाहिए वरना यह समाजवादी जैसी एक अच्छी पार्टी के लिए अच्छा नही है.
2 टिप्पणियां:
जनाब, समाज्वादी पार्टी का हर्श तो सब्को पता है... और उसके हालात और खराब ही होने है, क्यौंकि मुसलमान उसे अपना नही मानते है...
अभी आप नये है, लिखने से पहले पढ लिया करे, काफ़ी गलतियां है... और comment form मे से word verification हटा दे तो बेह्तर है...
सियासी दांव पेंच हैं, आगा पीछा सोच कर ही लिया होगा यह कदम, हम ऐसा मान कर चलते हैं.
कृप्या वर्ड वेरीफीकेशन हटा लें ताकि टिप्पणी देने में सहूलियत हो. मात्र एक निवेदन है बाकि आपकी इच्छा.
वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>Show word verification for comments?> इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया..कितना सरल है न हटाना और उतना ही मुश्किल-इसे भरना!! यकीन मानिये!!.
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