शुक्रवार, जुलाई 31, 2009

सच का सामना यानि बेहूदगी की हद

इन दिनों स्टार पलास पर आ रहा रियलिटी शो सच का सामना काफी हित हो रहा है। इस के हित होने की सब से बड़ी वजह यह है की इसमे वोह सवाल पूछे जा रहे है जो किसी गन्दी मगज़िने या वेबसाइट में पूछे जाते है। इस शो में जैसे जैसे इनाम की रक़म बढती जाती है सवाल गंदे होते जाते है। इस में कोई दो राइ नहीं की इस शो के दौरान जो भी सवाल किए जा रहें है वोह सब हमारी ज़िन्दगी के हिस्से है और हमारे देश में हो रहे हैं। मिसाल के तौर पर हमारे यहाँ पति पत्नी को धोका दे रहा है, पत्नी पति को धोका दे रहा, शादी से पहले और शादी के बाद दूसरों से शारीरिक सम्बन्ध मर्द भी बना रहा है और औरतें भी बना रही है , दूसरे देशों की तरह हमारे मुल्क में भी लड़कियां बालिग होने से पहले गर्भवती हो रही हैं मगर क्या इन बैटन को पूरी दुन्या के सामने बताना ज़रूरी है। आख़िर लोग इतने बेशर्म क्यों हो गए हैं की वोह साडी दुन्या को यह बताना चाहते हैं की मैं अपनी बीवी के अलावाह भी दूसरी औरतों से सम्बन्ध बनता हूँ , आखिर लड़की इतनी बेशर्म क्यों हो गई है की वोह साडी दुन्या को यह बता रही है की हाँ हमने मर्दों का नंगा डांस देखा है, बाप इतना बेशर्म क्यों है जो अपनी बेटी के सामने पूरी दुनिया को यह बता रहा है की उसे अपनी बेटी से भी छोटी उम्र की लड़की से सेक्स किया।
दुनिया के दूसरों मुल्कों की तरह हमारे मुल्क में भी कई बुराईयाँ हैं मगर मुझे नही लगता की इसे पूरी दुन्या को बताना ज़रूरी है। सिद्धार्थ बासु ने कौन बनेगा करोड़पति और आपकी कचहरी जैसे कमल के प्रोग्राम बनाये है फिर पता नहीं उन्हें ऐसा क्या हुआ की उन्हों ने इतना बकवास प्रोग्राम बनाया। टेलीविजन चैनल वालों को तो सिर्फ़ टी आर पी से मतलब है इस के लिए वोह किसी भी हद तक जा सकते हैं। अपने देश में लाख बुरे होने के बावजूद सच का सामना हिंदुस्तान जैसे मुल्क में दिखाना मुनासिब नही है। अगर यह शो चलाना है तो इसे आधी रात के बाद दिखाया जाए और फिल्मों की तरह इसे भी सिर्फ़ बालिगों के लिए जैसा सर्टिफिकेट दिया जाए।

1 टिप्पणी:

शरद कोकास ने कहा…

प्रोग्राम प्रस्तुत करने वालो और देखने वालो के बीच यही तो वर्ग भेद है . हमारे वर्ग के प्रोग्राम मे पूछा जायेगा " आपने कितनी रातें भूखे पेट रहकर बिताई है ? कितनी स्त्रियों को देखकर आपको लगा है कि यह आपकी माँ है ? आदि आदि